द्वितीय विश्व युद्ध में 64 सैनिकों के साथ डूबी ब्रिटिश सबमरीन समंदर में मिली - NewsOffice

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Thursday 17 October 2024

द्वितीय विश्व युद्ध में 64 सैनिकों के साथ डूबी ब्रिटिश सबमरीन समंदर में मिली


नई दिल्ली । द्वितीय विश्व युद्ध में डूबी एक ब्रिटिश पनडुब्बी आखिरकार 81 साल बाद समंदर में 770 फीट नीचे मिल गई है। इस पनडुब्बी के साथ तीन जासूस और 64 सैनिक डूब गए थे। इन जासूसों को कालामोस द्वीप छोड़ने जा रही पनडुब्बी जर्मनी द्वारा बिछाई गई बारूदी सुरंगों का शिकार बनी थी।


समंदर के अंदर पुराने जहाजों, युद्धपोतों और पनडुब्बियों को खोजने वाले लोगों ने 1943 में द्वितीय विश्व युद्ध के समय रहस्यमयी तरीके से लापता ब्रिटिश पनडुब्बी एचएमएस ट्रूपर को ग्रीस के कालामोस आइलैंड के पास एजियन सागर में 770 फीट की गहराई में खोज निकाला गया है।


एचएमएस ट्रूपर जिसे एन 91 बुलाया जाता था, एक सीक्रेट मिशन पर अक्टूबर 1943 में निकली। मकसद था तीन ग्रीक रेजिसटेंस एजेंट्स को कालामोस द्वीप पर पहुंचाना। उस समय पनडुब्बी का निर्देश आया कि उसे एजियन सागर में पेट्रोलिंग करनी है। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि जर्मनी की फौज ने समंदर में बारूदी सुरंगें बिछा दी हैं।


17 अक्टूबर 1943 को 64 सैनिकों के साथ यह पनडुब्बी रहस्यमयी तरीके से लापता हो गई। ग्रीक अंडरवाटर एक्सपर्ट कोस्तास थोक्टेरिड्स की टीम ने इसे खोजा है। यह एजियन आइलैंड के उत्तर में इकैरियन सागर में मिली।


कोस्तास और उनकी टीम ने सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दस्तावेज खंगाले। फिर ये पता किया कि ट्रूपर की लास्ट लोकेशन क्या थी। जिसकी जानकारी दस्तावेजों में है। इसके बाद खोजबीन शुरू की। 3 अक्टूबर 2024 को उनकी टीम को यह पनडुब्बी मिली। पहले सोनार से पनडुब्बी को खोजा। समंदर के निचले हिस्से का नक्शा बनाया।


इसके बाद कोस्तास ने रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल सुपर एशिली को समंदर की गहराई में भेजा। तब पता चला कि ट्रूपर 770 फीट नीचे समंदर में है।


जांच में पता चला कि एक बड़े विस्फोट की वजह से पनडुब्बी तीन बड़े टुकड़ों में बंट गई। ये विस्फोट जर्मनी द्वारा बिछाए गई बारूदी सुरंगों की वजह से हुआ था। जांच में ये भी पता चला कि पनडुब्बी तब बारूदी सुरंग से टकराई जब ये सतह पर थी। यानी ऊपर की तरफ। क्योंकि इसका कमांड हैच खुला हुआ था।